इंदिरा गांधी मातृ पोषण योजना के तहत पांच वर्षों में लगभग 3.75 लाख  लाभार्थियों पर 225 करोड़ रुपये होंगे व्यय

 

जयपुर, 17 मार्च। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा वर्ष 2020-21 के अनुसार राज्य के पायलट प्रोजेक्ट रूप में 4 जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ में महिलाओं को दूसरी संतान के जन्म पर 6 हजार रुपये दिये जायेंगे। यह राशि माता के खाते में अलग-अलग चरणों में निर्धारित शर्ते पूर्ण करने पर दी जाएगी। साथ ही नई महिला नीति 2020 के माध्यम से राज्य स्तर पर लगातार मॉनीटिरिंग की जाकर इसके सफल क्रियान्वयन किया जायेगा जिससे यह नीति कागजी ना होकर प्रदेश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए ‘‘मील का पत्थर’’ सिद्ध होगी।

 

श्रीमती ममता भूपेश ने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर प्रयासरत है।


उन्होंने बताया कि दूसरी संतान के समय मां के स्वास्थ्य पर ध्यान कम दिया जाता है। इस राशि के उपयोग से वह स्वयं व बच्चे के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल करने में समर्थ होगी। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत प्रति वर्ष लगभग 75 हजार लाभार्थी शामिल कर लगभग 45 करोड रुपये का व्यय किया जाएगा। इस प्रकार 05 वर्षों में लगभग 3.75 लाख लाभार्थियों को सम्मिलित करते हुए लगभग 225 करोड रुपये का व्यय किया जाएगा। इसमें 100 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा।

 

उपरोक्त 4 जिलों का चयन इन जिलों में पोषण के संकेतक राजस्थान के औसत की तुलना में कम होने के कारण उन पर विशेष ध्यान दिए जाने के लिए किया गया है।

 

उल्लेखनीय कि वर्ष 2018-19 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मातृ वन्दना सप्ताह के समापन समारोह में पश्चिम जोन में अधिकतम लक्ष्य अर्जित करने पर राजस्थान राज्य को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है तथा अगस्त 2019 को नई दिल्ली में स्कॉच अवार्ड के अन्तर्गत विभाग को प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिए ऑर्डर ऑर मैरिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

 

उन्होंने बताया कि इस नीति में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार द्वारा स्वीकृत सतत् विकास लक्ष्य संख्या-5 वर्ष 2030 के अनुरूप महिला सशक्तिकरण से संबंधित समस्त क्रियान्वित किये जाने वाले कार्यो तथा बेंच मार्क बिन्दु को विस्तृत रूप से उल्लेखित किया गया है। जिससे महिला नीति से सम्बन्धित 19 विभाग महिला एवं बाल विकास, वित्त, योजना, चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण शिक्षा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, गृह, पंचायती राज और ग्रामीण विकास, शहरी विकास, आवास और स्थानीय स्वशासन संस्थाएं, खाद्य और उपभोक्ता विभाग, कृषि और राजस्व विभाग, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, कानून और न्याय, वन और पर्यावरण, परिवहन, उद्योग, श्रम और उद्यमिता विकास, राजस्थान कारागार विभाग, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से साझा किया गया है।